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आँसू

आँसू की तो नियति ही है बहना....बहते ही जाना मौसम-बेमौसम मौका-बेमौका ।। तानों के तंज हों या रिश्तों के रंज हों हृदय की कोमल दीवारों पर अपनों के दंश हों भर उठते हैं नयन, रुकते ही न...